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हेलमेट पहनना बहुत जरूरी | लाड़ला बेटा दुःख भरी कहानी | Hindi Story

V singh
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हेलमेट पहनना बहुत जरुरी ( Hindi Story ) - नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत हैं इस ब्लॉग लेख में जहां हम आज एक ऐसे मुद्दे पर आपकों एक स्टोरी बताने वाले हैं जो हर इंसान से सम्बन्धित हैं. खास कर यह स्टोरी युवाओं को तो जरूर पढ़नी चाहिए ताकी जब भी वो बाइक चलाए हेलमेट लगाना न भूलें और नशा करके तो बिलकुल भी गाड़ी चलाने के बारे में न सोचे इस लिए आप इस लेख में दी गईं कहानी को जरूर पढे।

दोस्तों आपकों बता दे की हर रोज हमारे देश में बहुत सारे एक्सीडेंट होते हैं. और इन एक्सीडेंट में ज्यादातर एक्सीडेंट बाइक से ही होते हैं और रोजाना बहुत सारे लोग इन एक्सीडेंट के जरीए मौत के मुंह में चले जाते हैं।

कुछ दिनों पहले की ही बात है. मेरे घर से 15 किलोमीटर दूरी पर स्कूटी में सवार दो युवक का ट्रक से टकराकर एक्सीडेंट हो गया जिसमे से स्कूटी चालक युवक की तो वहीं पर मौत हो गईं और जो उसके पिछे सवार युवक था वो भी कोमा में चले गया जिससे उसकी भी कुछ दिनों में मौत हो गई, और सुनने में मिला की वो दोनों युवक अपने माता पिता के इकलौते संतान थे।

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Hindi Story

उनकी और उनकी माता - पिता की कुछ गलतियों के कारण वो अपनी जान गवा बैठे इसमें माता - पिता की गलती यह होती हैं की वो अपने बेटे की जिद पर उसके नाबालिक होने पर ही उसे गाड़ी चलाने के लिए दे देते हैं।
दोस्तों आपकों लाड़ल बेटा दुःख भरी कहानी सुनने से पहले यह जान लेना चाहिए की भारत के यातायात नियम क्या हैं इसका पालन कर हम कैसे दुर्घटना से बच सकतें हैं।


Table of Content (toc )

यातायात के नियम

दोस्तों आज के समय में यातायात नियम बहुत अच्छे बनाएं गए हैं अगर सभी व्यक्ती इन नियमों का पालन करते हैं. तो सड़क दुर्घटना न के बराबर रह जायेगा. इस लिए ध्यान रहें की इन नियमों का पालन करें ताकी आपके साथ कोई दुर्घटना न हों।
  • बेल्ट या हेलमेट का प्रयोग करना बहुत जरूरी।
  • निर्धारित और अपनी लेन में ही वाहन चलाए।
  • नशे में वाहन न चलाए यह होने वाली. दुर्घटना का सबसे बडा कारण है।
  • वाहन पार्किंग का ध्यान रखें।
  • ओवरटेक से दूरी बनाए रखें।
  • नो एंट्री का ध्यान रखना जरूरी।
  • हॉर्न तभी बजाएं जब जरूरी हों।
  • गति पर हमेशा नियंत्रण रखें।
  • नाबालिको को गाड़ी नहीं चलाने दे।
अगर बात करें इन यातायात नियमों की तो यह तो हर किसी व्यक्ती को पता होते हैं. फिर भी बहुत सारे लोग इन नियमो का पालन नहीं करते जिस कारण यातायात पुलिस ऐसे लोगों का चालान करती हैं. किसके बावजूद भी बहुत सारे लोग ज्यादातर युवा बाइक चलाते वक्त हेलमेट नहीं पहनते और पहनते भी है तो ऐसे लगता हैं वो किसी को दिखाने के लिए या हेलमेट पहन किसी पर एहसान कर रहे. लेकिन उनको क्या पता की यातायात पुलिस सड़क दुर्घटनाओ को रोकने के लिए दिन रात काम करती रहती हैं. फिर भी लोग हेलमेट पहन गाड़ी चलाने से अच्छा चालान भरना सही समझते हैं. अब उनको कौन समझाएं की दुर्घटना के वक्त हेलमेट कितना काम आयेगा।

दोस्तों बहुत सारे लोग होगे जो इस लेख को पढ़ कर भी इसको नजरंदाज कर देगे लेकिन उनसे हम कहना चाहेंगे की आप नीचे दी गई कहानी जरूर पढ़ें यकीनन उस कहानी को पढ़ आप हेलमेट लगाना और नशा कर गाड़ी चलाने से पहले एक बार अपने माता - पिता  बीबी बच्चों के बारे में जरूर सोचोगे।

लाड़ला बेटा दुःख भरी कहानी ( Hindi Story )

दोस्तों यह कहानी हैं मोहन की जो एक प्राइवेट जॉब करता था मोहन अपने माता पिता का इकलौता बेटा था और अब जब मोहन नौकरी कर अच्छे पैसे कमा रहा था तो उसके माता पिता ने उसके लिए लडकी देखना भी शुरु कर दिया था लेकिन उनको यह नहीं पता था की उनके जीवन में एक ऐसा तूफान आने वाला हैं. जो जिंदगी भर उनको रोने में मजबूर कर देगा रविवार का दिन था मोहन आराम से 9 बजे उठ कर आराम से नहा धो कर नाश्ता कर बोला मां आज दिन और शाम का खाना मेरे लिए मत बनाना मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने जा रहा हू आज मेरे दोस्त राजू का बर्थडे हैं. मैं वहीं खा लूंगा मां ने कहा पर मोहन एक दिन तो हफ्ते में छुट्टी मिलती हैं। 

कभी मेरे और अपने पापा के साथ भी कुछ समय बीता लिया कर तभी मोहन के पापा मोहन के मां से बोले अरे सुषमा जाने दो ना आज वो अपने दोस्तों के साथ नही घूमेगा तो कल जब उसकी शादी हो जायेगी तब घूमेगा यही तो घूमने के दिन होते हैं. शादी के बाद तो जिम्मेदारी बढ़ती रहती हैं फिर कहा इसको ज्यादा घूमने का समय मिलेगा यह सुन मोहन की मां बोली मोहन जा लेकिन शाम तक आ जाना में हलुवा बना के रखूंगी तुझे बहुत पसंद हैं. ना मोहन बोला ठिक हैं मां मैं शाम को जल्दी घर आ जाऊंगा यह कह कर मोहन ने अपनी बाइक की चाबी और हेलमेट पकड़ा और जाने लगा तभी मां बोली मोहन संभल के गाड़ी चलाना मोहन बोला हा मां अब मैं कोई बच्चा थोड़ी ना हु मुझे सब पता है मैं आराम से गाड़ी चलाऊंगा यह कहकर मोहन निकल गया मोहन ने हेलमेट पहना बाइक स्टार्ट की और चले गया तभी मोहन की मां देखती है।

की मंदिर में जलाया दीपक बुझ गया हैं यह देख मोहन की मां अपने पति से कहती हैं अजी सुनते हो मुझे लगता हैं कोई बहुत बडी अनहोनी होने वाली है मंदिर में जलाया दीपक भी बुझ गया हैं यह सुन मोहन के पिता कहते हैं अरे सुषमा वो देखो तुमने मंदिर वाले कमरे की खिड़की खोल रखी है वहीं से हवा आई होगी और दीपक बुझ गया होगा तुम भी ना थोड़ी - थोड़ी बात पर परेशान हो जाती हों यह सुन मोहन की मां बोली हां जी आप सही कह रहें हों हवा से ही दीपक बुझा होगा और हाथ जोड़ कर भगवान से कहती हैं भगवान मेरे परिवार की रक्षा करना।

दूसरी तरफ मोहन अपने दोस्त राजू के घर पहुंच जाता हैं जहा पहले से ही और भी दोस्त पहुंचे होते हैं और सब मिल कर एक पास में ही स्थित होटल को बुक कर वहा राजू का बर्थडे मनाने का प्लान बनाते हैं।

और होटल में पहुंच केक और खाने के साथ पीने के लिए बीयर , दारू आदी भी मगा लेते हैं. हालाकी मोहन और कुछ दोस्त बीयर या दारू नहीं पीते थे इस लिए उनके लिए कोलड्रिंक मगाई जाती हैं. अब केक कटता हैं और जब पीने का टाइम आता हैं. तो उन्ही दोस्तों में से एक दोस्त मोहन और बाकी जो लोग दारु बीयर नही पीते थे उनके कोलड्रिंक में भी दारू मिला देता हैं जिसके बाद सब पीना शुरु कर देते हैं अब डांस होता हैं खाना होता हैं तभी एक आदमी बोलता है किसने मेरी कोलड्रिंक में दारू मिलाई यह सुन सभी चुप हो जाते हैं मोहन का भी अब सिर घूम रहा होता हैं।

वो भी बोलता हैं हा यार मेरा भी सिर घूम रहा हैं मुझे भी लगता हैं किसी ने हमारी कोल्ड्रिक में दारू मिला दी है यह सुन वही आदमी जिसने कोल्ड्रीक में दारू मिलाई होती है वो बोलता हैं मैने मिलाई क्या कर लोगे यह सुन वहा गरमा गर्मी का माहौल बन जाता हैं तभी मोहन राजू से कहता हैं. राजू भाई एक बार और हैपी बर्थडे में चलता हू कल मिलेंगे मेरा सर घूम रहा हैं।

यह सुन राजू बोलता हैं मोहन थोड़ी देर यहीं आराम कर ले लेकिन मोहन बोलता हैं. नही यार अंधेरा भी होने वाला हैं मां मेरा इंतजार कर रही होगी मैं चलता हू यह कह कर मोहन चला गया और मोहन ने हेलमेट पहना तो उसे नशे की वजह से अजीब लग रहा था इस लिए उसने बिना हेलमेट पहने ही बाईक चलाने का फैसला किया लेकिन कुछ आगे निकलने के बाद उसको ज्यादा नशा होने लगा और नशे की वजह से बाइक इधर उधर जाने लगी और ऐसा करते करते उसकी एक ट्रक से टक्कर हो गईं जब उसको होश आई तो वो घर गया और उसने देखा की घर में बहुत भीड़ हैं।

 उसने लोगो से कहा तुम यहां क्या कर रहें हो क्या हुवा उसका किसी ने जवाब नहीं दिया फिर जब वो अन्दर गया तो उसने देखा उसके दोस्त और रिश्तेदार भी वहा हैं और सामने एक लाश पड़ी है वो मां - पापा चिल्लाया तभी उसने देखा मां घर के एक कोने में बेहोश पड़ी है जिसे आस पड़ोस की महिलाएं होश में लाने और रुलाने का प्रयास कर रही हैं।

और वहीं उसके पिता भी दीवार से कमर लगाए रो रहे हैं और उनके दोस्त उनको समझा रहें हैं हिम्मत रखो भाई अब क्या करें सब ऊपर वाले के हाथ में है इतना ही समय लेकर वो आया होगा यह सुन मोहन ने सोचा मैं यहां हूं मां - पापा यहां हैं तो यह लाश किसकी है हमारे परिवार में तो हम तीन ही हैं।

यह यह सोच मोहन मां के वहा गया और बोला मां यह किसकी बॉडी हैं लेकिन मां ने कोई जवाब नही दिया फिर वो पापा के पास गया तो उन्होने भी कोई जवाब नही दिया जिसके बाद वो अपने दोस्त राजू से बोला राजू मेरे भाई यह बॉडी किसकी है लेकिन राजू ने भी जवाब नही दिया ऐसा लग रहा था जैसे किसी को मोहन की बात सुनाई नही दे रही तभी वही पर खड़ी एक औरत दूसरी औरत से बोली कितना अच्छा लडका था मोहन न उसको कोई एब था और स्वभाव का भी बहुत ही अच्छा था अच्छी नौकरी कर रहा था शादी की बात भी चल रही थीं सुषमा बहन और जीवन भाई साहब अब किसके सहारे जीवन बितायेगे एक ही तो ओलाद थी उसे भी ईश्वर ने छीन लिया यह सुन मोहन के पैरो तले जमीन खिसक गई और तभी एक हवा का झोखा आया और बॉडी के ऊपर से कपड़ा हटा तो मोहन ने देखा ही यह तो सच में मेरी लाश है यह देख मोहन जोर से चिल्लाने लगा लेकिन कोई उसकी आवाज नहीं सुन रहा था और तभी किचन से धुवा उठा तो कुछ लोग वहा गए तो देखा की हलूवा कढ़ाई में जल रहा हैं। अब मोहन को समझ आ गया की मैं अब नही रहा यह सोच मोहन रोने लगा और बोला मां- पापा  मुझे माफ कर देना मैं अपनी कुछ गलतीयो की वजह से आज आपके साथ नही हू।

पहला अगर मुझे किसी ने पिला भी दी थीं तो मुझे नशा उतरने का इंतजार करना था लेकिन मैने नशे में ही गाड़ी चलाने का फैसला किया , दुसरा मैने बिना हेलमेट के गाड़ी चलाई ।

मोहन की आत्मा कहती हैं सभी युवाओं से की कभी भी नशे में गाड़ी न चलाए और बिना हेलमेट के तो गाड़ी चलाने के बारे में सोचे भी नहीं क्योंकी ऐसा करनें से आप तो जाओगे ही पिछे अपने परिवार अपने माता - पिता बीबी बच्चों को भी अनाथ कर जाओगे।

दोस्तों यह थी एक छोटी सी दुःख भरी कहानी जिससे आपको एक संदेश देने का प्रयास किया गया हैं. यकीनन इस कहानी को पढ़ आप हेलमेट पहन गाड़ी चलाओगे और नशे में गाड़ी चलाने और तेज गाड़ी चलाने के बारे में तो सोचोगे भी नहीं।

निष्कर्ष- हेलमेट पहनना बहुत जरूरी

दोस्तों इस लेख को पढ़ने के बाद आपकों यह तो समझ आ गया होगा की यातायात के नियमों का पालन करना कितना ज्यादा जरूरी हैं. अगर हम ऐसा नहीं करते तो हम खुद की जान जोखिम में डाल रहें हैं आशा करते हैं आपको हेलमेट पहनना बहुत जरूरी तथा लाड़ल
 बेटा दुःख भरी कहानी ( Hindi Story )  पसंद आईं होगी और इससे आपको bahut कुछ समझ में भी आ गया होगा धन्यवाद आपका दिन शुभ हो।

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