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किसान पर कविता |Farmer Poem in Hindi

V singh
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किसान वर्ग एक ऐसा वर्ग  जिसने इस धरती पर अनाज ऊगा कर देश  का पेट भरने का एक महत्वपूर्ण काम अपने हाथो में लिया है,वो देश का अन्न दाता है सोचो अगर किसान फसल उगना बंद कर दे तो हमारा क्या हाल होगा हम भूख के मारे मर जायेगे फिर चाहे हमारे पास कितना ही पैसा क्यों न हो वो कुछ काम नहीं आएगा, दोस्तो हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, लेकिन फिर भी इस देश के किसान की हालत आज इतनी बुरी हो गई है की सालाना कई सौ किसान अपनी आर्थिक स्थिति से तग आकर  इतना कमजोर हो जाते है की उनको आत्महत्या के सिवा कोई रास्ता नहीं दिखता,
आज हम इस पोस्ट मे किसान पर कविता (Farmer Poem in Hindi),जय किसान पर कविता, किसान आत्महत्या पर कविता, किसान के दर्द पर कविता लाये है जिसमे हमने किसान के दुःख, दर्द, त्याग को कविता के माध्यम से बताया है जो आपको जरूर पसंद आयेगी,
किसान पर कविता
किसान पर कविता (Farmer Poem in Hindi )

किसान की आत्महत्या पर कविता -

बंजर धरती को जो अपनी
मेहनत से पिघला देता
ओर पिघला कर उस धरती मे
फसल है ऊगा देता
वो इस धरती माँ का लाल
वीर किसान है कहलाता
जो दिन- रात मेहनत कर 
पुरे देश का पेट भरता
वो आज भी फटे कपडे ओर
छोटी सी झोपडी मे रहता
क्या बताऊ एक किसान
अपने परिवार को कैसे पालता
फसल लगाता  है वो खेत पर 
फिर  दिन -रात पहरेदारी करता
ओर फसल अच्छी हो जाये ये ही आश रखता 
पर बाढ़, सूखे की मार से जब
उसकी फसल नस्ट हो जाती 
साल भर की मेहनत ओर आश
एक पल मे खत्म हो जाती
परिवार को जब वो एक टाइम का
खाना नहीं खिला पाता
तब मन ही मन वो बहुत रोता 
ओर जब सरकार की मदद भी 
उस तक नहीं पहुंच पाती 
तब जाकर एक मजबूत किसान
अंदर से इतना कमजोर है पड़ जाता
उसको आत्महत्या के सिवा
कोई रास्ता नजर नहीं आता
                                   -V singh

Farmer Poem in Hindi -

देश आज विकास के राह में चल पड़ा 
जहाँ हर कोई आगे बढ़ रहा
पर किसान  सालो से था जहाँ 
आज भी वही है  दिख रहा
बढ़ना चाहता है  वो भी आगे 
वो भी आगे कदम बढ़ाता है
लेकिन उसके कदम को पीछे धकेलने
कोई न कोई आ जाता है
कभी सूखे की मार है वो सहता
तो कभी बाढ़ की मार है सहता
इन सबकी मार सहकर भी वो
जब हिम्मत दिखाकर खड़ा होता
इनकी मेहनत को तब भी
सही फल नहीं मिल पाता
रहना चाहिए उसको सबसे आगे
उसको पीछे कही छुपा दिया गया 
उसकी आवाज़ को कही दबा दिया 
वो कल भी गरीब था आज भी गरीब कहलाता 
वो अन्नदाता  इस देश का फिर भी क्यों उसको
उठाने के बजाये निचे दबा दिया जाता |
                                                 -V singh

किसान बनना कोई इतना आसान काम नहीं किसान बनने के लिए हमारे अंदर एक सहन शक्ति होनी चाहिए दिन की तेज धुप, तेज बरसात मे खेतो मे काम करना ओर रात दिन एक कर उन खेतो मे उग रही फसल का ध्यान रखना बड़े ही मेहनत का काम है जो  सिर्फ एक किसान ही कर सकता है इस लिए मे अपने देश के किसान को नमन करता हुँ किसान की मेहनत को सलाम करता हुँ क्योंकि की उसी की मेहनत से हमें तीन टाइम का खाना मिल पाता है,

किसान की मेहनत पर कविता -

दिन-रात मेहनत करके वो फसले लगाता 
रात -दिन खेतो मे पहरा देकर
जानवरो से फसलो को बचाता
तभी इस देश को खाने के लिए
अनाज है मिल पाता 
सुबह, दोपहर, शाम को जो खाना
हमारी प्लेटो मे परोसा जाता है 
उस खाने को उगाने मे किसान न
जाने कितने  कस्ट है सहता 
ओर न जाने कितने दिन उसे बिना 
खाने के सोना पड़ता है
इस लिए उसे अन्नदाता कहा जाता
आश होती है एक किसान को भी 
उसकी फसल है अच्छी हो जाये
जिससे की वो उस फसल को बेच
अपने परिवार को चला पाये|
                                    - Vsingh

जिस तरह देश का वीर जवान अपनी जान से  खेल कर  देश की रक्षा करता है उसी प्रकार देश का वीर किसान भी अनाज उगा कर देश का पेट भरता है इस लिए देश के विकास के लिए देश के जवानों ओर किसानो का खुश रहकर आगे बढ़ना  बहुत जरुरी है इस लिए हम सबको मिल कर इन का सहयोग करना चाहिए,

जय किसान पर कविता -

जय जवान जय किसान
जिस तरह एक जवान
देश की रक्षा करता है
उसी तरह एक किसान
इस देश का पेट भरता है
जब किसान ही नहीं रहेगा तो
इंसान क्या है खायेगा
बिना अनाज खाये इंसान
जिन्दा नहीं रह पायेगा 
इसलिए जय जवान जय किसान
का नारा हमने लगाना है
ओर अपने देश के जवानों ओर किसानो
का सहयोग करते रहना है
                                  -Vsingh

किसान पर कविता -

किसान हुँ मै किसान
किसी का गुलाम नहीं 
जमीन मे हल लगा कर 
मेहनत से फसल उगाता हुँ 
न मिले मुझे खाना तो पानी
पीकर ही सो जाता हुँ
लेकिन देश का पेट भरने के
लिए मै फसल उगाता हुँ
आप लोग रहते एसी, पखे मै
मै धुप मे शरीर जलाता हुँ
सोये रहते हो जब आप घर मे
मै खेत से जानवरो को भगता हुँ
फटे कपडे है मेरे शरीर में 
छोटी झोपडी में रहता हुँ
अपने परिवार की जरूरतों को
पूरा करने के लिए मै फसल उगाता हुँ
फसल अच्छी हो जाये इस बार 
बस ईस्वर से यही प्राथना करता हुँ
जिंदगी मे आ रही परेशानी से मे
दिन रात लड़ता रहता हुँ 
किसान हुँ मै किसान
मेहनत से फसल उगाता हुँ |
                                  -Vsingh


आशा करते है आपको  हमारे द्वारा लिखी गयी किसान पर कविता (Farmer Poem In Hindi ) अच्छी लगी होंगी 'धन्यवाद '









 







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