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जल पर कविता - जल संरक्षण

V singh
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Poem On Water In Hindi :- दोस्तों  अगर मै बोलू की जैसे आज इंसान जल की बर्बादी कर रहा  है, आने वाले कुछ  सालो बाद जल खत्म होने लग जायेगा जो हमारे जीवन का सबसे बड़ा संकट होगा, तो आप मे से बहुत लोग मुझ पर हसोगे ओर कहोगे की पृथ्वी मे तो 71 प्रतिशत जल है, ये कैसे खत्म हो सकता है, तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दु की पृथ्वी के  कुल 71% जल मे से 3% जल ही मीठा जल है, जिसका  भी अधिकांश भाग लगभग 2.4% ग्लेशियरो मे जमा हुवा है, लगभग 0.6% पानी ही नदी तालाबों, मे बहता है, जिसे भी हम प्रदूषित कर या फिर विकास के चलते खत्म करने मे तुले हुवे है, जिसके कारण कुछ सालो मे पीने के पानी की किलत होने लगेगी भूमिगत जल का स्तर भी धीरे - धीरे कम होते जा रहा है, जिसके कारण जल  एक बहुत बड़ा मुदा है, जिसको हर इंसान को समझना होगा, ओर जल संरक्षण के उपायों को अपनाना होगा क्योंकि जल ही जीवन है, इस ब्लॉग पोस्ट पर हम जल  पर कविता (जल संरक्षण  )लाये है, जो आपको जल बचाने के प्रति जागरूक करने का काम करेंगी |

जल पर कविता - जल संरक्षण

जल पर कविता
जल पर कविता - जल संरक्षण 

पढ़े - गाँव पर कविता 

जल पर कविता 

 मनुष्य आज विकास कर रहा 
वो बना रहा बड़े - बड़े घर
बना रहा बड़े - बड़े कारखाने
बना रहा वो विशाल भवन|

पर विकास  करते करते वो
 कुछ ऐसा  कर रहा है 
आने वाली पीढ़ीयों के लिए
बड़ी मुसीबत खड़ी कर रहा है |

वायु को तो वो  प्रदूषित कर  रहा 
जल को भी दूषित कर रहा |

जगलो के होने से ही इस
धरती मे जल स्तर बढ़ता है  
लेकिन आज मनुष्य जगलो
को काट - जला नष्ट कर रहा |

धीरे - धीरे धरती मे मीठे
पानी का स्तर  घट रहा|

लेकिन मनुष्य ये समझते हुवे भी
इसे नजरअंदाज कर रहा |

नदी, तालाबों का पानी
आज दूषित होता जा रहा
भुजल का स्तर तेजी से 
घटता ही जा रहा|

जिसके कारण ही आज
पानी पैसो मे बिक रहा |

याद रख मनुष्य एक दिन ऐसा आएगा
जब न मिलेगी तुझे शुद्ध हवा
ओर न ही शुद्ध जल मिल पायेगा |

ओर उस दिन तू अपने विनाश का कारण
खुद अपने को ही पायेगा|
- V singh

Poem on Water 

कल प्यास लगेगी तो
तब क्या पियोगे
अगर आज जल को
ऐसे बर्बाद करोगे  |

सूखेगा गला तुम्हारा तब 
शरीर मे जान तक नहीं बचेगी
अपनी जान के लिए तब तुम
पानी-पानी चिलाओगे|

पानी न मिलने पर तुम 
तब महत्व पानी का  जानोगे|

 न दौलत काम आयेगी तब 
न तुम्हारी पहुँच कुछ कर पायेगी |

तब जाकर समझ आएगा
हमें तो जल को बचाना था
क्योंकि जल ही जीवन है |
- V singh

जल का मोल कविता 

जल ही जीवन हमारा
जल के बिना न जीवन है
सोना, चाँदी, हिरा, मोती नहीं 
जल सबसे अनमोल है|

न इसका कोई मोल है
ये जीवन है, जीवन है
प्यासे से पूछो तुम
 जल का क्या मोल है|
-V singh

जल के महत्व पर कविता 

रेगिस्तान की तेज धुप पर
जाकर मुझे ये पता चला|

जल कितना जरुरी है 
उसका महत्व का पता चला |

जल पिला दो मुझे दो बुद
गला मेरा सुख गया|

शरीर की ऊर्जा खत्म हुवी 
शरीर धिरे - धीरे मरने लगा|

दिमाग़ मे भ्रम पैदा हुवा 
अब मुझे चारो तरफ 
पानी ही पानी दिख रहा|

समझ सकते हो क्या है मेरा हाल
इसलिए न करो जल को दूषित|

जल का संरक्षण करो 
ऐसे न जल को रोज बर्बाद करो |
-V singh

पानी पर कविता 

पानी हुँ मै पानी हुँ
नदी, कुओ, तालाबों, धारो मे
मै मिलता हुँ |

मेरे होने से इस धरा मे जीवन
मुझसे ही तुम बने|

फिर क्यों मुझे तुम बर्बाद कर रहे
मुझे खत्म कर तुम
अपने को खत्म कर रहे |
-V singh

जल संरक्षण पर कविता 


आओ मिलकर जल बचाये
सब जन तक संदेश पहुचाये|

जल संरक्षण के उपाय अपनाये
शावर मे स्नान कर पानी ज्यादा न बहाये 
हो सके तो बाल्टी मे पानी भर नहाये|
 
सेविंग करते वक्त नल को बंद रखे 
बर्तन धोने के लिए
नल की जगह टब का प्रयोग करें |

बारिश के जल का यूज टॉयलेट मे करना है 
बारिश के जल को 
अपने आँगन मे बनी टेंकी मे भरना है,|

खाली स्थानों मे तालाब बनाना है 
अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर 
जल संरक्षण करते रहना है |

ओर अपने जीवन को
सुखमय बनाये रखना है |
-V singh

जल पर कविता - जल संरक्षण 

जल हुँ मै, जल हुँ
हर अवस्था मे मिल जाता हुँ
समुद्र मे खारा कहलाता हुँ
नदी तालाबों मे मीठा
वाष्प बनकर मे बादल बनाता
सुखी धरती पर बर्षा कर
हरयाली वहा है लाता
हर प्यासे की प्यास बुझाता
खाना बनाने के काम आता
मेरे बिना न जीवन होता
मेरे बिना कोई नहीं जी सकता
-V singh

Poem on Water in Hindi

जल के महत्व को जानो यार
ऐसे न जल को बर्बाद करो यार
जल है इस धरती का अनमोल हीरा
जिसमें टिकी सभी जीव-जंतुओं की जिंदगी
जल के महत्व को जानो यार
ऐसे न जल को बर्बाद करो यार
नदियों में कूड़ा कचड़ा दिखता है 
कुओ , तालाबों का है आज बुरा हाल
ऐसे न जल में गंदगी फैलाओ यार
मीठे जल को बचाओ यार
कल प्यास लगेगी तो वोही पानी पीना पड़ेगा
लेकीन तब वो जल अमृत नहीं
विष है तुम्हारे लिए बन जायेगा
न फेंको कूड़ा कचड़ा पानी में ऐसे तुम
न गंदी नालियों को बहाओ नदी तालाबों में तुम
ये कविता नहीं चेतावनी है 
समय रहते सुधर जाओ तुम
ऐसे न जल को दूषित करो यार
अपने कल को भी तो देखो यार|
-V singh

जल पर कविता ( Jal Par Kavita )

जल बचाओं ,जल बचाओं
सारे मिलकर जल बचाओं
जल के बिना न जीवन हैं
फिर क्यों जल को हम प्रदूषित कर रहें
खुद अपने जीवन को हम
क्यों खत्म करने में तुले हुवे
सोचो तब क्या होगा जब
प्यास लगी होगी जोरो से
न मिलेगा जल जब तो
सोचो जीवन का अंत कैसा होगा
प्रदूषित जल जब जल नहीं
जहर बनकर हमारे जीवन को नष्ट करेगा
समझ जाओ आज ही
जल को हमें बचाना हैं
जल बचाओं ,जल बचाओं
सारे मिलकर जल बचाओं।

जल ही जीवन है कविता ( Poem On Water in Hindi )

आओ मिलकर जल को बचाएं
जल ही जीवन है, सबको बताएं
जल हैं, इस धरती में तभी तो
हरी भरी यह धरती दिखती
जल है इस धरती में तभी तो
फूलों से महकी यह धरती रहती
प्यास मिटाने के लिए हर जीव को 
जल की जरुरत पड़ती
अनाज उगाने के लिए भी
जल की ही जरुरत पड़ती
फिर क्यों आज हम जल को
ऐसे बर्बाद कर रहें
कूड़ा , कचड़ा फेक नदी में
सुंदर नदी को गंदगी से भर रहें
प्रकृति के साथ कर खिलवाड़
भूमंडल के जल को सुखा रहें
और लोगों को बीना खुद समझे
एक ही बात सुना रहें
जल जीवन है, जल जीवन है


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आशा करते है आपको हमारे द्वारा लिखी गई कविता जल पर कविता पसंद आई होंगी ओर आपको इन कविताओं को पढ कर जल के महत्व का पता चला होगा अगर आपको ये कविता पसंद आई तो अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें 'धन्यवाद '
















 



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