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20 भूत की कहानियां । Bhoot Ki Kahani

V singh
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Bhoot Ki Kahani:- कहानियां सुनने का किसको शौख नही होता बच्चें हो या जवान हर किसी को कहानियां सुनने या पढ़ने का सोख होता हैं खासकर बच्चों को उनके माता पिता या दादा दादी कहानियां सुनाते रहते हैं. कहानियों से बच्चें बहुत कुछ सीखने हैं साथ ही तरह तरह की कहानियां बच्चों के अंदर साहस भरने का काम भी करती हैं. अकसर बहुत सारे लोगों को भूतिया कहानी सुनने या पढ़ने का सोख होता हैं. इस लिए वो गुगल में नई - नई Bhutiya Kahani ढूढते रहते हैं. 

आज के इस लेख में हम आपके लिए एक से बढ़ कर एक भूतो की कहानी लाए हैं. जिनको पढ़ आपको कभी हंसी आयेगी तो कही डर लगेगा और इन कहानियों से आपको कुछ न कुछ अच्छा जरूर सीखने को भी मिलेगा तो चलिए Bhoot Ki Kahani बताना शुरू करते हैं।

20 भूत की कहानियां - Bhutiya Kahani In Hindi 

दोस्तों चलिए आपको एक से बढ़कर एक भूतों की कहानियां सुनाते हैं. आपको बता दे की नीचे जो भू कहानी लिखी गईं हैं सभी काल्पनिक हैं. बस आपको कुछ अच्छा सीखने और आपको अन्दर से मजबूर करनें के लिए यह कहानी लिखी हैं. आपसे पहले ही कह देते हैं. कहानी बहुत डरावनी भी हो सकती हैं. इस लिए अपने रिस्क में ही इनको पढ़े और किसी को सुनाए 😂🤣
Bhoot Ki Kahani In Hindi
Horror Story In Hindi

कहते हैं ना कुछ अच्छा सीखा कभी व्यर्थ नहीं जाता जैसे अगर हम बचपन में अ आ नही सीखते हो हम पढ़ना , लिखना कैसे सीखते इस प्रकार बहुत सारी चीजे हर धर्म में होती हैं. जिसे सीखना बहुत जरूर है. 

भूतिया घटना ( सुंदर कहानी )

यह कहानी शुरू होती हैं शहर में रह रहें दो युवाओं अमन और जीवन के ऑफिस से एक दिन दोनों युवा ऑफिस की कैंटीन में चाय पीते हुवे प्लेन बनाते हैं. इस बार गर्मियों में 10 दिन की छूटी ले किसी गांव में घूमने की तभी ऑफिस के कैंटीन में काम कर रही एक लड़की उनकी बात सुन उनको  शहर से 200 किलोमीटर दूर पानपुर नाम के गांव में जानें को कहती हैं. तब अमन इस लडकी से कहता हैं तुमको हमनें इस कैंटीन में कल तक नही देखा क्या तुम नई आई हो तो वो लडकी कहती हैं. जी हां सर मैने आज ही यह नौकरी ज्वॉइन की हैं. तब जीवन उस लड़की से कहता हैं. जीस गांव की तुम बात कर रही हो वहा क्या हैं ऐसा जिससे की हम वहा जाए कुछ घूमने लायक हो तो बताओं तब लड़की कहती हैं क्या आप लोग चुड़ैल पर विश्वास करते हों मेरी एक दोस्त ने बताया की पानपुर में एक सालों से बंद पड़ी वीरान हवेली हैं. कहा  चुड़ैल रहती हैं आज तक जो वहा गया वो वापस नहीं आया यह सुन अमन और जीवन हंस पड़े पर अमन लड़की से बोला क्या तुम भी आज के समय में भूत , चुड़ैल कुछ नही होते यह एक कल्पना हैं. यह कह कर वो दोनों चल दिए।

फिर दुसरे दिन अमन और जीवन फिर से कैंटीन में चाय पीने आए तो वहा उनको वो लड़की नहीं दिखी जब उन्होंने कैंटीन के मालिक से बात की तो कैंटीन का मालिक बोला वो लड़की चली गई बोली मेरी मां की तबियत खराब हो गईं हैं मुझे जल्दी से गांव जाना होगा यह सुन अमन और जीवन बोले क्या आपको उस लड़की का नाम पता हैं क्या उस लड़की ने अपने गांव का नाम बताया तो कैंटीन का मालिक बोला हा उसका नाम सुमन हैं गांव का नाम पानापुर हैं।

यह सुन अमन और जीवन दिन रात अब पानपुर के बारे में सोचने लगे उनके सपनों में अब वो लड़की आने लगी और उनको गांव बुलाने लगी  इसी लिए उन्होंने जल्दी ही ऑफिस से 10 दिन की छुट्टी ली और पहुंच गए पानपुर गांव पहुंचते ही वो दोनों उस लड़की का घर ढूढने लगे तभी उन्होंने गांव के एक आदमी से पूछा भाई साहब सुमन का घर कहा हैं. यह सुन आदमी बोला कौन सी सुमन यहां बहुत सुमन हैं. तब अमन और जीवन बोले वो सुमन जिसकी मां की तबियत खराब हैं. और वो कुछ दिनों पहले ही शहर से घर आई हैं. यह सुन आदमी बोला इस गांव की कोई सुमन नाम की लड़की शहर में काम नहीं करती एक करती थीं जिसकी एक एक्सीडेंट से 2 महिने पहले मृत्यु हो गईं और उसी की मां बीमार हैं. यह सुन अमन और जीवन बोले नहीं भाई साहब हम उस सुमन की बात कर रहे हैं जो कुछ दिनों पहले गांव आई होगी यह सुन आदमी बोला नही ऐसी कोई लड़की नहीं जो हाल ही में शहर से घर आई हो यह सुन आदमी चले गया. कुछ देर गांव घूमने के बाद अमन और जीवन को पता चला की यहां तो कोई हवेली नहीं है. तब वो सोचने लगें वो लड़की झूठ बोल रही होगी वो यहां की नही होगी यह सोच दोनो गांव के मुखिया के घर रात बिताने लगे तभी खाते टाइम गांव का मुखिया बोला आप लोग शहर से क्या करनें आए हो तब उन दोनों ने मुखिया को सारी बात बताई मुखिया भी बोला इस गांव की तो सुमन नाम की एक ही लड़की शहर में काम करती थीं दो महिने  पहले एक दिन उसकी मां की तबियत खराब हुवी तो मैने फोन कर उसे घर बुलाया लेकिन बेचारी की एक सड़क दुर्घटना पर मृत्यु जो गई यह सुन अमन और जीवन फिर से सोच में पड़ गए और मुखिया से बोले क्या आप के पास उसकी फोटो होगी तब मुखिया ने कहा नहीं लेकिन तभी मुखिया की बेटी बोली जी मेरे फोन में हैं. और अमन और जीवन को सुमन की फोटो दिखाई सुमन की फोटो देखे अमन ओर जीवन की आंखे फटी की फटी रह गईं क्योंकि यह वही लड़की थी जिसे उन्होने कुछ दिनों पहले शहर की कैंटीन में देखा यह देख वो दोनों सोच में पड़ गए और दुसरे दिन सुमन के घर पहुंचे और उसकी मां को सारी बात बताई जो सुन सुमन की मां की आखें भर आई जिसके बाद अमन और जीवन ने हाथ जोड़ सुमन को अपनी बहन कहा और सुमन की मां का इलाज कराया और उनके लिए एक अच्छा घर बना दिया तब से लेकर आज तक अमन ओर जीवन हर महिने सुमन की मां के लिए कुछ पैसे भेजते हैं और साल में कुछ दिन उनसे मिलने जरूर जाते हैं।


 भूतिया हवेली ( कुछ अच्छा सीखो काम आयेगा )


यह कहानी हैं, राहुल और पारस की जो गांव घूमने शहर से 500 किलोमीटर दूर जीवनपुर नाम के गांव में पहुंचते हैं. राहुल और जीवन बचपन से ही शहर में पले बड़े होते हैं इस लिए वो अंधविश्वास जैसे की भूत प्रेतो में विश्वास नही करते वो इस को बस एक कल्पना मात्र मानते हैं. जीवनपुर नाम के गांव में पहुंचने के बाद वो मुखिया के घर किराए में रहने लगते हैं. कुछ दिन गांव में घूमने के बाद उनको पता चलता हैं की गांव से कुछ दूरी पर सालो से वीरान पड़ी एक हवेली है जहा कोई नही जाता क्योंकी लोगो का मानना है की वहा चुड़ैल रहती हैं. यह बात जान कर राहुल और पारस गांव वालो को बताए बिना एक दिन रात को उस हवेली में चले जाते हैं. जब वो उस हवेली के बाहर पहुंचते हैं तो राहुल, पारस से कहता हैं देख क्या इतनी सुन्दर हवेली को ऐसे ही वीरान किया हुवा है. चल अन्दर घूम के आते हैं. अब दोनों हवेली के अन्दर चले जाते हैं जहां वो देखते हैं की हवेली अन्दर से बहुत साफ हैं. यह देख वो चौक जाते हैं और आपस में कहते है यह कैसे पॉसिबल है सालो से बंद पड़ी हवेली कैसे इतनी साफ हो सकती हैं. तभी हवेली के एक कमरे से एक लङकी की रोने की आवाज आती हैं. और वो दोनों उस कमरे में चले जाते हैं. वो देखते हैं की एक जवान लड़की कमरे के कोने में बैठी रो रही हैं. वो दोनों उससे कहते हैं तुम कौन हों और यहां कैसे तो वो लडकी कहती हैं मुझे गांव वालों ने सालों से यहां बंद करा है. राहुल और पारस कहते हैं पर क्यों तभी वो लड़की रोते रोते हंसने लगती हैं. उसकी हंसी से हवेली गूजने लगती हैं और वो हंसते - हंसते कहती हैं क्योंकि में चुड़ैल हु और अपने असली रूप में आ जाती हैं. सफेद बाल लबे दांत और नाखून सफेद कपड़े यह देख अमन और पारस डर जाते हैं और हनुमान चालीसा याद करने की कोशिश करते हैं पर उनको हनुमान चालीसा कैसे याद हो क्योंकि उन्होंने कभी न पढ़ी न सुनी उन्हें
तो बस गाने याद आने लगें जिसके बाद चुड़ैल ने उनका रात भर बुरा हाल किया और सुबह वो हवेली के बाहर गांव वालों को बेहोश पड़े मिले।

जंगल की चुड़ैल

जुगनुपुर नाम के एक सुंदर से गांव में एक मोहन नाम का युवक अपनी पत्नी के साथ रहता था मोहन गांव से 5 किलोमीटर दूर एक फैक्ट्री में काम किया करता था रोज सुबह मोहन अपनी बाइक से फैक्ट्री जाता और शाम को रात होने से पहले घर आ जाता गांव वालो का मानना था की गांव से फेक्ट्री की और जाते रास्ते में जो एक किलोमीटर का जंगल पढ़ता है वहा चुड़ैल रहती हैं लेकिन मोहन इन बातो में विश्वास नहीं करता था मोहन का मानना था की चुड़ैल , भूत कुछ नही होते एक दिन की बात हैं फैक्ट्री में ज्यादा काम होने के रात के 8 बज गए फैक्ट्री में उसी गांव के रात की सिफ्ट में काम कर रहें लोगों ने मोहन से कहा मोहन आज रात यही फैक्ट्री में रुक जा अंधेरा बहुत हो गया हैं. तुम्हे पता हैं ना जंगल के रास्ते में चुड़ैल रहती हैं. यह सुन मोहन हंसा और बोला यह बस अफवाह है. भूत चुड़ैल कुछ नही होते मोहन ने बाइक स्टार्ट की और घर की तरफ चला गया मोहन जब जंगल वाले रास्ते में पहुंचा तो अचानक उसकी बाइक बंद हो गईं बहुत प्रयास करनें के बाद भी बाइक स्टार्ट नही हूवी तभी कुछ दूर पेड़ के नीचे उसे कोई औरत सफेद कपड़ों में दिखी जो रो रही थीं मोहन जब उसके पास गया तो वो एक दम गायब हो गईं मोहन अब डरने लगा था और वो जैसे ही बाइक की तरफ पलटा तो उसे अपने समाने एक भयानक औरत सफेद कपड़ों में जिसके दांत बड़े बाल सफेद बिखरे हुवे चेहरे में झुरिया पाव उल्टे नाखून बड़े थे खड़ी दिखी जिसे देखे मोहन थर - थर कापने लगा चुड़ैल ने कहा मेरी प्यास बुझाओ मोहन बोला मेरे पास पानी नहीं है. तभी चुड़ैल जोर से हंसी उसकी आवाज से पुरा जंगल गूज उठा और हंसते हंसते बोली मेरी प्यास पानी से नही तुम्हारे जैसे नौजवान के खून से बुझती हैं यह सुन मोहन अपनी बाइक वही छोड़ वहा से भागता हुवा वापस फैक्ट्री पहुंचा और सभी को यह बात बताई ।

सुनसान रास्ते की चुड़ैल

यह कहानी हैं सुरेश नाम के एक युवक की जिसकी शादी अभी कुछ महीने पहले ही हुवी थी सुरेश और उसकी पत्नी मिनाक्षी हनुमानजी  के सच्चे भक्त थे वो भगवान को बहुत मानते थे सुरेश अपनी पत्नी के साथ गांव में रहा करता था और गांव से 5 किलोमीटर दूर एक फैक्ट्री में काम किया करता हैं. एक दिन की बात हैं.  फैक्ट्री में काम थोड़ा ज्यादा होने के कारण शाम के 8 बज गए और सुरेश ने अपनी बाइक स्टार्ट की और घर की तरफ चला गया लेकिन रास्ते में सुरेश की बाइक अचनाक बंद हो गईं सुरेश ने बाइक को अच्छे से चैक किया पर बाइक स्टार्ट नहीं हुवी सुरेश ने इधर उधर देखा पर उसे सुनसान रास्ते में कोई भी नही दिखा जिससे वो मदद मांग सकें सुरेश ने बाइक वही छोड़ पैदल घर जाने का फैसला किया क्योंकि घर अब लगभग 3 किलोमीटर दूर ही था सुरेश ने मोबाइल में टाइम देखा तो 9 बज गए थे उसने मोबाइल की टॉर्च जलाई और घर की तरफ पैदल निकल गया कुछ दूर जाने के बाद उसको रास्ते के किनारे एक रो रही औरत दिखी सुरेश हैरान हों गया और सोचने लगा की आखिर इस सुनसान रास्ते में वो भी रात के 9 बजे यह औरत यहां क्या कर रही हैं. तभी सुरेश उसके पास गया और बोला बहन कौन हो तुम और यहां सुनसान रास्ते में वो भी रात के 9 बजे क्या कर रही हो औरत रोते - रोते बोली मेरे पति ने मुझे घर से निकाल दिया तब सुरेश बोला तुम कहा जा रही हो और यहां कैसे तो औरत बोली यहां तक तो में मदद मागते - मागते पहुंची हु पर अब किससे मदद मागु समझ नही आ रहा मुझे पानपुर गांव जाना है मेरे रिश्तेदार वहा रहते हैं. सुरेश बोला अरे पानपुर तो यहां से बहुत दूर हैं. अभी तो आपको वहा के लिए कोई गाड़ी नहीं मिलेगी आप मेरे साथ मेरे घर चले पास ही के गांव में मेरा घर है. सुबह होते ही आप पानापुर के लिए निकलना तब औरत बोली मैं आपके घर कैसे आ सकती हु आपकी पत्नी मीनाक्षी क्या सोचेगी सुरेश बोला पर आपको मेरी पत्नि का नाम कैसे पता तब औरत बोली अभी आप ने ही तो कहा था सुरेश सोचा मेने तो मीनाक्षी का नाम नही लिया फिर सोचा क्या पता लिया हो और बोला कुछ नहीं सोचेगी बहन आप आए मेरे साथ यहां जंगली जानवर हो सकते हैं. सुरेश और औरत घर की तरफ निकल गए सुरेश को यह पता नही था की जिस औरत को वो अपने साथ ले जा रहा हैं वो चुड़ैल है. सुरेश घर पहुंचा तो उसकी पत्नि मीनाक्षी बाहर आई और बोली अभी तक आप कहा थे और आप पैदल क्यों आ रहें हो तथा आपके साथ यह औरत कौन है. सुरेश ने सारी बात मीनाक्षी को बताई मीनाक्षी ने कहा ठिक किया आपने जो इस बेचारी की मदद की यह कह वो चुड़ैल को बोली आओ बहन अंदर चलो कुछ खाना खा लो चुड़ैल मीनाक्षी के पीछे चल दी लेकिन घर के अंदर कदम नहीं रख सखी क्योंकि घर के अंदर हनुमान जी का मन्दिर था मीनाक्षी बोली क्या हुवा बहन अंदर आओ अपना ही घर समझो डरो नहीं चुड़ैल बोली नही में यहां बाहर ही ठिक हु अंदर गर्मी होगी तभी मीनाक्षी की नजर उसके पैरो पर पढ़ी  उसके पैर उल्टे थे मीनाक्षी समझ गई यह चुड़ैल है. मीनाक्षी ने कहा ठिक हैं. तुम वहा बैठो में खाना लाती हूं तभी मीनाक्षी अंदर गई और सारी बात अपने पति को बताई दोनों मंदिर से गंगाजल ले बाहर आ गए और हनुमान चालीसा पढ़ने के साथ गंगाजल चुड़ैल के ऊपर फेकने लगें गंगाजल और हनुमान चालीसा से चुड़ैल अपने असली रूप में आ गईं और भाग खड़ी हुवी।


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निष्कर्ष - 

इस लेख में हम आपके लिए कुछ Bhoot Ki Kahani लेकर आए हैं. जो आपकों जरूर पसंद आयेगी हम समय समय पर इस लेख में नई - नई Horror Story अपडेट के रूप में ऐड करते रहेंगे तो इस ब्लॉग के साथ जुड़े रहें ' धन्यवाद आपका दिन शुभ हों '

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