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मेहनत पर कविता | बिना मेहनत करें ऐ इंसान तू कुछ नही कर पायेगा

V singh
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दोस्तों आप भी बिना मेहनत के अपने सपने पुरे करने का ख्वाब देख रहे है तो मै आपसे कहना चाहता हुँ की आप अपने ख़्वाबों से बाहर आये ओर समय रहते मेहनत मै लग जाये क्योंकि बिना परिश्रम के जिंदगी मे कुछ प्राप्त नही किया जा सकता ।
 इस पोस्ट मे हम मेहनत पर कविता लाये है अगर आपको पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ।
मेहनत पर कविता
Mehnat Par Kavita

मेहनत पर कविता 

बिना मेहनत करे इंसान तू कुछ नही कर पायेगा  -

 आज गया  ऐसे ही

कल भी चला जायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

 तू  कुछ नही कर पायेगा|

दुःख है आज जिंदगी मे तेरे

कल सुख भी पायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

 तू कुछ नही कर पायेगा|

साथी पहुंच जायेगे बहुत आगे

 तू पीछे ही रह जायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

तू  कुछ नही कर पायेगा|

समय बितता जायेगा

 तू सोचता ही रह जायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

 तू  कुछ नही कर पायेगा|

जिंदगी के सभी सपने

 मेहनत से ही पुरे कर पायेगा 

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

 तू  कुछ नही कर पायेगा|

आज मेहनत करेगा तभी

 कल मेहनत का  फल पायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

 तू  कुछ नही कर पायेगा|

जब शरीर मे जान ही नही बचेगी

तब क्या मेहनत करेगा

आज गया  समय ऐसे ही

 कल तो तू ही चले जायेगा 

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

 तू  कुछ नही कर पायेगा|

जब कुछ नही कर पायेगा तो

किस्मत को जिम्मेवार ठहरायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

तू  कुछ नही कर पायेगा|

मेहनत कर ऐ इंसान तू अब

 कब तक ऐसे बैठे रहेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

तू  कुछ नही कर पायेगा|

गरीब है अगर तू आज

कल अमीर बन जायेगा| 

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

तू  कुछ नही कर पायेगा|

कब तक  परिवारवालो की

 मेहनत की रोटी तू खायेगा

एक दिन तू जरूर पछतायेगा

बिना मेहनत करें ऐ इंसान

तू  कुछ नही कर पायेगा|

मेहनत कर ऐ इंसान

तू आगे ही बढ़ता जायेगा

दुनिया के नजरों मे एक दिन 

 सफल इंसान बन जायेगा|

अब सुन ऐ इंसान एक बात आज

जब तक नही निकालेगा अपने

अंदर के आलस को तू बाहर

तब तक मेहनत करने से

कतरायेगा तू हर बार|

कामयाब वही होते है

जो कुछ कर दिखाते है

वरना सोचता तो हर इंसान है|

सोच मे तो ऐ इंसान तू बैठे-बैठे

 बडे बडे सपने देख लेता है

 जब मेहनत करने समय आता है

 तो सपनो को  दो मिनट मे तोड़ देता है|

सपने ऐसे देख जिसको तू पूरा कर सके

ऐसे सपने ही क्यों देखने जिनको

पाने की तू हिम्मत ही न रख सके |

कितने आये जिंदगी मे

ओर कितने चले गये

नाम उनका ही रहा

जो कुछ करके दिखा गये|

वो सोचते थे जो भी 

उसको पूरा करके दिखाते थे

उनका मुँह नही  बोलता था

काम बोलके दिखाता था |

मेहनत करके ऐ इंसान

जब तू इस जिंदगी से जायेगा

तेरा नाम रहेगा इस दुनिया मे

ओर तू अमर कहलायेगा।


किसान की मेहनत पर कविता

परिश्रम पर कविता - मेहनत करो आज तुम 

मेहनत करो आज तुम 
कल मीठा फल मिलेगा
दुःख होंगे जरूर आज
पर कल खुशियाँ भी होंगी |

गरीब हो अगर आज तुम 
कल अमीर बन जाओगे
आज अगर मेहनत कर
समय के साथ कदम  बढ़ाओ|

प्यासे हो अगर तुम तो
न कोई तुम्हे पानी पिलाएगा 
भूखे हो अगर तुम तो
न कोई तुम्हे खाना खिलाएगा |

जो करना बस  तुम्हे
अपने दम्पर करना है 
आगे बढ़ना है तो 
कठिन परिश्रम करना है|

अपने लक्ष्य को पहचान कर
लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाओ 
मेहनत करते रहो दिन - रात
हिम्मत न कभी हारो |

अपनी मंजिल तक एक दिन तुम
अपनी मेहनत के दमपर पहुँचोगे
खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी तब 
ओर तुम मेहनत का उदाहरण बन जाओगे|

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