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पेड़ की आत्मा एक छोटी सी कविता

V singh
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Poem On Tree:- पेड़ो का महत्त्व हमारे जीवन में कितना ज्यादा हैं. यह तो हर कोई जानता हैं, लेकिन फिर भी बहुत सारे लोगों पेड़ों को सरेआम काटते हैं. पेड़ हमें पानी देते , खाना देते, प्राण वायु देते जिनके बिना हम जीवित नहीं रह सकते फिर भी बहुत लोग पेड़ो के इतने बड़े उपकार को भुला सरेआम पेड़ों को काटते हैं।

Poem on tree in Hindi
Poem In tree in Hindi

इसी लिए इस लेख में एक प्रकृति प्रेमी लेखक ने एक ऐसे पेड़ की आत्मा बन मन से एक पेड़ की कहानी को कविता के माध्यम से लिखा हैं. जिसे लोगों ने अपने विकास के चलते काट दिया।

पेड़ की आत्मा एक छोटी सी कविता 

खुश था  मे  अपनी जीवन मे,
फिर एक दिन इंसान आया|

इंसान को अपनी ओर आते देख,
मेरा मन बहुत घबराया|

इंसान के हाथ मे कुल्हाड़ी देख,
मुझे अपना अंत समय नजर आया|

मै इंसान के सामने बहुत गिड़गिड़ाया,
पर इंसान ने मुझे  काट गिराया|

मै भागना चाहता था,
पर पैर नही थे  मेरे पास|

मै उड़ना  चाहता था,
पर पंख  नही थे मेरे पास|

किसने हक दिया तुझे ए  इंसान,
जो हमें  ऐसे काट गिराएगा|

अगर तू  ही बन जायेगा हमारा दुश्मन,
तो हमें कौन बचायेगा|

पेड़ पर कविता ( Poem On Tree )

प्राण वायु दे कर मैंने तूझे ऐ इंसान बचाया
फल लगे मुझ पर तो उसे भी तूने ही खाया
धूप लगी तुझे कभी तो छाया में तुझे सुलाया
तोड़ मेरे टहनियों से लकड़ी खाना तूने बनाया।

मुझे समझ नहीं आया की मैने तेरा क्या बिगाड़ा
तूने एक बार भी नहीं सोचा और मुझे काट गिराया
मुझे भी रहना था अभी जिंदा तूने मुझे बचाना था
मेरे द्वारा किए गए एहसानो का ऐसा फल नही मुझे देना था।

एक चोट कुल्हाड़ी की जो मारी तुमने 
दर्द उठा मेरे सीने में जोर - जोर से
तुझे इतना कठोर सीना अपना नहीं बनाना था
तुझे तो मुझे बचाना था तुझे तो मुझे बचाना था।


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