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बच्चों की बाल कविताएँ :- poem on Small Kids

V singh
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आज हम इस पोस्ट में छोटे बच्चों के लिए बाल कविताएँ लाये है जो बच्चों को  मानसिकता रूप से मजबूत बनाने ओर सत्य के राह में चलने के लिए प्रेरित करेंगी हमारे द्वारा लिखी गयी बच्चों की बाल कविताएँ (Poem on Small Kids) को पढ़ने में बच्चों को बहुत मजा भी आयेगा ओर इनसे बच्चे ये भी सीखेंगे की जीवन कैसे जीना है हमारे द्वारा लिखी गयी बच्चों की कविता निम्न है, जैसे - जंगल पर कविता, जल पर कविता, समय पर कविता,पेड़ पर कविता आदि |
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बच्चों की बाल कविताएँ
बच्चों की बाल कविताएँ:- Poem on Small Kids


बच्चों की बाल कविताएँ :- poem on Small Kids-

 Poem-1 जंगल पर कविता 

छोटा सा प्यार सा जंगल,
पेड़ पौधों से बना सुन्दर जंगल,
पशु पक्षियों का घर है जंगल,
शुद्ध हवा फैलाता  जंगल,
जड़ी-बूटीयो देता हमें जंगल,
जल देता है हमें जंगल,
खाना भी देता हमें जंगल,
धरती माँ को सुन्दर बनाता जगल,
क्या नहीं देता हमें जगल,
ये हमें अपने आप से पूछना है,
जंगलों को बचाना है,
जंगलों को बचाना है |

Poem-2 जल पर कविता 

जल हमारा जीवन है,
यह हमको समझना होगा,
जल को प्रदूषित होने से,
हमको बचाना होगा,
प्रदूषित जल को जो हम,
पियेगे अपने शरीर को,
अनेको बीमारी का घर बनायेगे,
इसलिए जल हमारा जीवन है,
यह हमको समझना होगा,
जल को प्रदूषित होने से,
हमको बचाना होगा|

Poem-3 समय पर कविता 

समय बड़ा अनमोल,
इसको न कोई मोल,
समय पर उठना,
समय पर सोना,
समय पर खाना,
समय पर पढ़ना,
समय पर ही सारे,
काम करना होगा,
समय का सदुपयोग करके,
जीवन के लक्ष्य को पाना होगा|

Poem -4 पेड़ बचाओ पर कविता 

पेड़ बचाओ पेड़ बचाओ,
सारे मिलकर पेड़ बचाओ,
पेड़ हमें ऑक्सीजन देते,
पेड़ ही देते हमें पानी, खाना,
पेड़ के बगैर इस धरती मे,
मुश्किल है जीवन की,
कल्पना कर पाना इसलिए,
पेड़ बचाओ पेड़ बचाओ,
सारे मिलकर पेड़ बचाओ,
एक पेड़ सौ पुत्र समान,
ये पूरी दुनिया कोई बताओ|

Poem- 5 मेहनत पर कविता 

जीवन मे सफलता पानी है तो,
तो समय के साथ मेहनत करो,
मेहनत से तुम न डरो अपने,
अंदर के आलस को दूर करो,
मेहनत करने वालो की,
कभी हार नहीं होती,
क्योंकि मुसीबतों से लड़ना,
वो अच्छे से जानते है,
वो मेहनत करते रहते है,
और एक दिन मेहनत का,
मीठा फल खाते है |

Poem- 6 पतंग पर कविता 

लाल, पिली, नीली पतंग,
फड़-फड़, फड़-फड़ उड़ी पतंग,
बादलो को छूने चली पतंग,
आसमान मे गोते खाये पतंग,
हवा को चिर कर ऊची,
उड़ - उड़ जाये  पतंग,
पक्षियों को भी डराये पतंग,
जीवन मे हमें हसना सिखाये पतंग,
हमें मजबूत बनाये पतंग,
मुसीबते कितनी बड़ी हो हमें,
हमेशा आगे बड़ना सीखाये पतंग|

Poem -7 मदारी आया हिन्दी कविता 

देखो - देखो मदारी आया,
संग अपने एक बड़ा भालू लाया,
मदारी ने जोर से गाना गाया,
भालू ने हमें सुन्दर नाच दिखाया,
नाच देख हमें बहुत मजा आया,
हमने भालू को खाना खिलाया |

Poem- 8 मेले पर कविता 

आज मेला हें मेला हम जायेगे,
मेले मे हम घूमेंगे ओर खायेगें,
आज मेला हें मेला हम जायेगे,
मेले से ढेर सारे खिलौने हम लायेगे,
आज मेला हें मेला हम जायेगे,
झूले मे झूलेंगे, चरखी मे घूमेंगे,
आज मेला हें मेला हम जायेगे,
दिन भर मेले घूम हम घर को जायेगे |

Poem-9  गोल पर कविता 

हमारी दुनिया हें गोल,
सूरज चाचा भी गोल,
मम्मी की रोटी भी गोल,
चंदा मामा गोल मटोल,
एक, दो, पाँच, दस का सिक्का गोल,
बोतल का ढकन है गोल,
मेले का चरखा भी गोल,
मुर्गी का अंडा गोल, गोल,
मास्टर जी का डंडा गोल,
हमारी गेंद भी गोल गोल,
लाल- लाल टमाटर गोल,
हमारी दुनिया गोल मटोल |

Poem- 10 स्वस्थ शरीर पर कविता 

खाओ तुम अच्छा खाना,
जो बनाये शरीर को तंदरुस्त,
खेलो ऐसा खेल जो शरीर को,
बनाये एकदम रोग मुक्त,
अच्छा खाना अच्छा पिना,
अच्छे से स्वस्थ जीवन जीना,
शरीर को तुम कभी भी,
न बीमारियों का घर बनने देना,
शरीर स्वस्थ नहीं होगा तो,
तुम कैसे  काम करोगे,
बिना काम के जीवन में,
कैसे तुम आगे बड़ोगे,
इसलिए शरीर को स्वस्थ बनाना,
सबसे ज्यादा जरुरी है |

Poem- 11 अपना  घर कविता 

एक चिड़िया के बच्चे चार,
घर से निकले पंख पसार,
उत्तर से दक्षिण को जाये,
पूरब से पश्चिम को आये,
घूम-घाम पूरी दुनिया,
जब वो शाम को घर आये,
मम्मी को वो अपनी
बस एक बात सुनाये,
देख लिया हमने जग सारा,
अपना घर स्वर्ग सा प्यारा |

Poem-12अक्कड़ बक्कड़ एक छोटी सी कविता 

अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बो,
अस्सी नब्बे पुरे सौ,
सौ में लगा धागा,
चोर निकल के भागा,
चोर को जाने दो,
तबला बजाने दो,
तबले में बड़ा छेद
पुलिस ने मारी चोर
को जोर की चपेट |

Poem-13 अहिंसा पर कविता 

बुरा न बोलो बुरा न सुनो बुरा न देखो तुम,
हमेशा अहिंसा के राह में चलते रहो तुम|
गाँधी जी ने हमेशा अहिंसा को अपनाया था,
तभी तो इस देश को अंग्रेजो की
हिंसा से आजाद कराया था|
अहिंसा की शक्ति को न,
ऐसे तुम नजर अंदाज करो,
हिंसा को दूर कर,
अहिंसा के राह में चलो|

Poem On Small Kids In Hindi 

बंदर जी बैठे पेड़ में
कुत्ता भोंके जाएं
बंदर जी बोले कुत्ते से
कान क्यों मेरे तू दुखाए
कुत्ता बोला आ नीचे
तब मैं तुझे बताऊं

केले जो चोरे तूने बगीचे से
आ नीचे तूझे सबक सिखाऊं
बंदर बोला कुत्ते से
माफ करदो मुझे भाई
न करुंगा आज से चोरी
नहीं तो तू कर देगा पिटाई।

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